“ख़ाली छत” – मरीन ड्राइव की ख़ाली छत पर जब हम दोनों अकेले थे….
“इंतज़ार”- मथुरा की छत पे अपनी किस्मत का चक्का set था।
“आगरे की छत पे समां कुछ यूं था” छतों पर बहुत कुछ होता है, देश भर के शहरों की छतों से अपना अनुभव कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत करूँगा, हो सकता है ऐसा ही कुछ अनुभव आपका…
छतों पर बहुत कुछ होता है, देश भर के शहरों की छतों से अपना अनुभव कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत करूँगा, हो सकता है ऐसा ही कुछ अनुभव आपका भी हो हमें ज़रूर बताइयेगा। ढ़ेर सारा प्यार।