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छतों पर बहुत कुछ होता है,
देश भर के शहरों की छतों से अपना अनुभव कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत करूँगा, हो सकता है ऐसा ही कुछ अनुभव आपका भी हो हमें ज़रूर बताइयेगा। ढ़ेर सारा प्यार।
“आगरे की छत पे समां कुछ यूं था”
छतों पर बहुत कुछ होता है,
देश भर के शहरों की छतों से अपना अनुभव कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत करूँगा, हो सकता है ऐसा ही कुछ अनुभव आपका भी हो हमें ज़रूर बताइयेगा। ढ़ेर सारा प्यार।
“इंतज़ार”
मथुरा की छत पे अपनी किस्मत का चक्का set था।
“ख़ाली छत”
मरीन ड्राइव की ख़ाली छत पर जब हम दोनों अकेले थे….
WAQT (Time) Poetry presented by Soundpitara.com. Poetry by Amit Deondi describing the playful act of time in life.
Thanks for watching.
Credits –
Art – Nikhil Bali
Editor – Tapasya Gupta
Studio – Voices and Visualz
Mixing Engineer – Bharat Kandel
Poetry & Voice – Amit Deondi
Music- Moment Of Silence By Audiocalm (licensed version)